मौलाना आजाद स्कॉलरशिप बंद करना यह सरकार काअन्यायकारक फैसला

पुणे : मौलाना अबुल कलाम आझाद प्रेमट्रिक स्कॉलरशिप और फेलोशिप बंद किये जाने के फैसले पर शहर पुणे से लगातार आवाज उठती जा रही है. इस मामले पर संजीदा तंजीमों ने एक होकर मौलाना अबुल कलाम आझाद माइनॉरिटी स्कॉलरशिप जनांदोलन समिति बनायीं है. समिति ने समाज के जिम्मेदारों से स्कॉलरशिप के बंद किये जाने के फैसले पर एक मशवरा चाहा था. यह मशवरा मौलाना अबुल कलाम आझाद हॉल, कोरेगाव पार्क पुणे इस जगह हुआ. प्रोग्राम की शुरुआत में जिम्मेदारों ने मौलाना आजाद के नाम से ज्योत प्रज्वल की. मशवरे में हर शोभे के जिम्मेदार शामिल थे. स्कॉलरशिप बंद कर के अल्पसंख़्यकों को तालीम से दूर रखने की एक बहोत बड़ी सोची सामजी साजिश का हिस्सा बताते हुए मशवरे में शामिल लोगों ने सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की. सरकार यह फैसला पीछे ले इस लिए दबाव बनाये रखने के लिए जनांदोलन का इशारा भी दिया वही कुछ लोगों ने कोर्ट में पिटीशन फ़ाइल करने की बात की. इस आंदोलन में दीगर समाज के लोगों के भी जोड़ने की राय पेश हुई. मौलाना आजाद प्रेमट्रिक स्कॉलरशिप बंद होने की वजह से तक़रीबन ७० लाख अल्पसंख्यक बच्चे इस के चपेट में आये है और हजारों Phd और M.Phil के बच्चों को फेलोशिप बंद होने का नुकसान उठाना पडेगा. अल्पसंख्यक बच्चों के मुस्तकबिल की फ़िक्रों को लेकर मशवरे में शहर के तंजीमें मदारिस और समाज के हर शोभे के जिम्मेदार बड़ी तादाद में शिरकत फरमाए हुए थे.

मालूम हो पिछले दिनों शिक्षण हक्क मंच, महाराष्ट्र एक्शन कमिटी, इंडियन मुस्लिम फ्रंट, आजाद समाज पार्टी के जिम्मेदारों ने विरोधी पक्ष नेते जनाब अजितदादा पावर, जनाब प्रकाश आंबेडकर, और जनाब अरविदं शिंदे को ज्ञापन भी दिया था.

श्री मतीन मुजावर
(सदस्य)
मौलाना अबुल कलाम आझाद माइनॉरिटी स्कॉलरशिप जनांदोलन समिति, पुणे
शिक्षण हक्क मंच, पुणे

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